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यह राज्य सरकार किसानों की क्षतिग्रस्त फसल को खरीदने के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी देगी 

यह राज्य सरकार किसानों की क्षतिग्रस्त फसल को खरीदने के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी देगी 

किसानों को हमेशा किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ता है। बीते दिनों प्रचंड गर्मी उसके बाद तेज बारिश से लाखों हेक्टेयर में खड़ी रबी सीजन की फसलें चौपट हो गई हैं। फसल क्षति की पूर्ति के लिए यूपी सरकार के माध्यम से खराब फसल की खरीद सहित कृषि निवेश राहत धनराशि देने की घोषणा की है। इस वर्ष का मार्च का महीना कृषकों हेत अत्यंत नुकसानदायक साबित हुआ है। बेमौसम बारिश ने मध्य एवं उत्तर भारत में तबाही मचा दी है। फरवरी माह में अचानक तापमान अधिक होने की वजह से सरसों के साथ गेहूं की फसल को भी हानि पहुँच रही थी। परंतु, उसके बाद मार्च की बारिश से किसानों के परिश्रम को पूर्णतय विफल कर दिया है। खेतों में कटाई हेतु तैयार खड़ी गेहूं एवं सरसों के साथ-साथ मसूर व चना की फसलें बुरी तरह से प्रभावित हो गईं। किसानों पर विपदा की भांति आई इस संकट के समय में विभिन्न राज्य सरकारों ने किसानों को सहायता धनराशि के तौर पर मुआवजा देने की घोषणा तो कर दी। परंतु, किसान भाइयों हेतु बर्बाद हुई फसल चिंता का कारण बन चुकी है। ऐसे में प्रभावित किसानों की इस समस्या का निराकरण कर दिया गया है। हाल ही में यूपी की योगी सरकार ने अपने प्रदेश में बारिश एवं आंधी से क्षतिग्रस्त हुई फसलों को खरीने का ऐलान किया है।

किसानों की आधी से ज्यादा फसल चौपट हो चुकी है

यदि हम फसल के नुकसान पर नजर डालें तो मार्च के दूसरे पखवाड़े में बेमौसम बारिश की वजह से गेहूं एवं सरसों की फसल में 50 प्रतिशत से अधिक हानि की अटकलें लगाई जा रही हैं। उत्तर प्रदेश के 10 जनपदों में हुई फसल हानि के आकलन के अनुरूप कृषि विभाग के अधिकारियों ने 34,137 हेक्टेयर फसल बर्बादी होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। ये भी पढ़े: अगर बरसात के कारण फसल हो गई है चौपट, तो ऐसे करें अपना बीमा क्लेम बेमौसम बारिश से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले जनपदों में उन्नाव, हमीरपुर, झांसी, प्रयागराज, चंदौली, आगरा, बरेली, वाराणसी और लखमीपुर खीरी शम्मिलित हैं। सरकार द्वारा कराये गए 15 मार्च तक के सर्वेक्षण में यह पाया गया है, कि मार्च के प्रथम पखवाड़े में मौसम परिवर्तन से प्रत्यक्ष रूप से 1.02 लाख किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है।

बागवानी फसलों को भी झेलना पड़ा है नुकसान

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्च के समापन के दो दिनों में बदली परिस्थितियों से पूरे प्रदेश के कृषि क्षेत्र पर बेकार तरह प्रभावित हुई है। विशेष रूप से अलीगढ़, बरेली, सीतापुर, उन्नाव, सोनभद्र, हमीरपुर, संभल, मुरादाबाद और पीलीभीत में ओलावृष्टि से तैयार कटी हुई फसलें चौपट हुई हैं। इनमें से विभिन्न जनपदों में आलू की खुदाई चल रही थी। वहीं, आम के पेड़ पर बौर आ रहे थे। परंतु, खेत में सुखाने हेतु रखे हुए आलू तो बर्बाद हुए ही, आम के बौर भी पेड़ों से झड़कर भूमि पर गिर चुके हैं। किसानों के अतिरिक्त बागवान भी आम के उत्पादन के संबंध में काफी चिंतित हैं।

योगी सरकार ने फसल क्षति का सर्वेक्षण करने के दिए आदेश

किसानों के लिए आफत बनी बेमौसम बारिश का कहर अभी तक जारी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा पहले पखवाड़े में मूसलाधार बारिश के पूर्वानुमान की जानकारी दी गई थी। इधर आज भी बहुत सारे क्षेत्रों में फसल कटाई एवं नई फसल की बुवाई का कार्य सुचारू है। ऐसी स्थितियों पर ध्यान देते हुए योगी सरकार द्वारा फसल नुकसान का सर्वेक्षण करने के निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके आधार पर कृषि निवेश राहत सहायता धनराशि भी मुहैय्या कराई जाएगी।
स्वदेशी गाय खरीदने पर यह सरकार दे रही 80 हजार रुपए की धनराशि

स्वदेशी गाय खरीदने पर यह सरकार दे रही 80 हजार रुपए की धनराशि

उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ ने ‘नंद बाबा दुग्ध मिशन’ के तहत मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना शुरू की है. 

इस योजना के तहत इनका उद्देश्य गौ पालकों की आय, रोजगार उपलब्ध कराना, स्वदेशी गायों की नस्लों को बढ़ाना, गौ पालको का स्वदेशी गायों के प्रति रुझान बढ़ाना एवं दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाना है। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गौवंशों के प्रति प्रेम साफ तौर पर देखने को मिलता है। योगी सरकार गोवंशों एवं उनकी सुरक्षा को लेकर नवीन योजनाएं जारी करती रहती हैं। 

साथ ही, पशुपालकों एवं किसानों के हित में योजनाएं एवं अभियान चलाए जाते रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी ने ‘नंद बाबा दुग्ध मिशन’ के अंतर्गत मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना चालू की है। 

इस योजना का प्रमुख उद्देश्य यह है, कि यूपी के गौ पालकों की आमदनी बढ़ सके और पशुपालन में रोजगार मुहैय्या कराया जा सके। इसके अतिरिक्त दूसरे राज्यों से स्वदेशी नस्लों की गायों के प्रति गौ पालकों की रूचि बढ़ाई जा सके। साथ ही, दुग्ध उत्पादन में भी बढोत्तरी हो सके। 

साथ ही, योजना को लेकर शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में इस योजना से जुड़ी पात्रता, सब्सिडी के मानक, उद्देश्य एवं स्वरुप को स्पष्ट रुप से दिया गया है।

जानें कौन-सी गायों को खरीदने पर मिलेगा अनुदान

मुख्यमंत्री स्वदेशी योजना के मुताबिक, गौ पालकों को दूसरे राज्यों से थारपारकर, गिर, संकर और साहिवाल नस्ल की गाय खरीदने पर उन्हें ट्रांसर्पोटेशन, ट्रांजिट इंश्योरेंस एवं पशु इंश्योरेंस सहित अन्य सामानों पर खर्च होने वाली धनराशि पर अनुदान प्रदान करेगी। 

गौ पालकों को यह अनुदान दो स्वदेशी नस्ल की गायों को खरीदने पर मिलेगा। यह अनुदान गौ पालकों को कुल लागत धनराशि का 40 प्रतिशत मतलब कि 80 हजार रुपये दिया जाएगा। सबसे पहले यह योजना सिर्फ उत्तर प्रदेश के 18 मंडलों के मुख्यालय के जनपदों में लागू की जाएगी। इसके उपरांत संपूर्ण राज्य के जनपदों में लागू की जाएगी। 

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‘नंद बाबा दुग्ध मिशन’ के तहत जारी की गई नवीन योजना

अपर मुख्य सचिव पशुपालन डॉ. रजनीश दुबे का कहना है कि, ‘नन्द बाबा मिशन के तहत मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना जारी की गई है। इसका प्रमुख उद्देश्य सिर्फ राज्य में स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों की तादात और उनकी नस्ल को बढ़ाना। 

जिससे कि राज्य में दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हो सके। साथ ही, प्रदेश दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य बन सके। इसके साथ ही राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं एवं महिलाओं को पशुपालन व्यवसाय के लिए बढ़ावा दे कर उन्हें रोजगार मुहैय्या करा सकें। 

दुग्ध आयुक्त एवं मिशन निदेशक शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना का फायदा उठाने के लिए गौ पालक को अन्य दूसरे राज्य से स्वदेशी उन्नत नस्ल की गाय को खरीदना होगा।

यह बीमा बेहद आवश्यक है

दरअसल, इस योजना पर मुख्य विकास अधिकारी शीघ्र ही एक अनुमति पत्र जारी करेंगे। जिसे लाभार्थी को दूसरे राज्य से स्वदेशी नस्ल की गाय खरीदने के लिए जारी किया जाऐगा। 

क्योंकि, गौ पालक या लाभार्थी को गायों के परिवहन में किसी भी प्रकार की परेशानी न खड़ी हो। इसके अतिरिक्त दो स्वदेशी गायों का 3 साल का पशु बीमा एकमुश्त कराना जरूरी है। साथ ही, दूसरे राज्य से अपने राज्य में गाय को लाने के लिए ट्रांजिट बीमा भी कराना अति आवश्यक है। 

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जानिए किन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी

मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को अनुदान गाय की खरीद, ट्रांसपोर्टेशन, ट्रांजिट इंश्योरेंस और पशु इंश्योरेंस, 3 साल का पशु बीमा, चारा काटने की मशीन की खरीद एवं गायों के रखरखाव की सुविधा व शेड के निर्माण पर दी जाएगी। 

विभाग की तरफ से इन समस्त सामानों में गौ पालक का खर्च दो स्वदेशी नस्ल की गायों के लिए 2 लाख रुपये निर्धारित किया गया है। इसका 40 प्रतिशत मतलब कि अधिकतम 80 हजार रुपये अनुदान के रूप में दिये जाएंगे।

योगी सरकार द्वारा विगत माह आयोजित कराए गए श्री अन्न महोत्सव का उद्देश्य क्या था

योगी सरकार द्वारा विगत माह आयोजित कराए गए श्री अन्न महोत्सव का उद्देश्य क्या था

उत्तर प्रदेश सरकार ने 27 से 29 अक्टूबर, 2023 तक श्री अन्न महोत्सव का आयोजन किया था। यह तीन दिवसीय कार्यक्रम प्रदेश के जुपिटर हॉल, इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित किया गया था। इसमें उन किसानों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने मिलेट्स पैदावार में महत्वपूर्ण योगदान अदा किया था। मिलेट्स एवं उनकी खेती के फायदों के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने श्री अन्न महोत्सव का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम का प्रमुख लक्ष्य मिलेट्स के इस्तेमाल को प्रोत्साहन देना एवं प्रगतिशील किसानों की कोशिशों को पहचानना था, जिन्होंने मिलेट्स उत्पादन में अहम योगदान अदा किया है। साथ ही, कृषि कुंभ से ठीक पूर्व होने वाले इस कार्यक्रम का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उद्घाटन किया गया था। श्री अन्न महोत्सव एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम था। विभिन्न डिवीजन के किसान अपने अनुभव एवं ज्ञान साझा करने के लिए एक साथ आए। उद्घाटन के दिन छह डिवीजन के किसान मिलेट्स की खेती एवं खपत पर चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए। दूसरे दिन पांच डिवीजन के किसान भाग लेंगे। साथ ही, आखिरी दिन सात डिवीजन के किसान इस कार्यक्रम में शम्मिलित हुए। कुल मिलाकर, प्रत्येक डिवीजन से पचास प्रगतिशील किसान इस कवायद का भाग रहे।

श्री अन्न महोत्सव का मुख्य मकसद क्या है

श्री अन्न महोत्सव का प्रमुख उद्देश्य राज्य के अंदर मिलेट्स की खेती एवं खपत के विषय में आम जनता तथा किसान दोनों के मध्य जागरूकता उत्पन्न करना है। गौरतलब है, कि मिलेट्स अपने अनेकों स्वास्थ्य संबंधित लाभों एवं टिकाऊ कृषि में अपनी भूमिका के लिए विश्व भर में अपना अलग स्थान बना रहा है। मिलेट्स को अधिक प्रोत्साहन देने के लिए कार्यक्रम के दौरान कई सारे मिलेट्स-आधारित खाद्य उत्पादों के तकरीबन 40 स्टॉल स्थापित किए गए। इससे मौजूद लोगों को मिलेट्स से निर्मित कई तरह के व्यंजनों का स्वाद चखने और उनकी सराहना करने का अवसर मिला।

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किसानों को सम्मानित भी किया जायेगा

मिलेट्स को लेकर जागरूकता को बढ़ावा देने के अतिरिक्त राज्य सरकार ने उन किसानों को सम्मानित करने की योजना की भी घोषणा की थी, जिन्होंने मिलेट्स उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान अदा किया। इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा किसानों को मिलेट्स की खेती के प्रति जागरूक करने और राज्य भर में इसको अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।


 

टिकाऊ कृषि को बढ़ावा दिया जाएगा

श्री अन्न महोत्सव महज मिलेट्स का उत्सव ही नहीं यह उत्तर प्रदेश के कृषि परिदृश्य का एक प्रमुख भाग बनाने की दिशा में एक कवायद है। इस मुहीम में किसानों को शम्मिलित करके सरकार को मिलेट्स क्रांति की शुरुआत करने की संभावना है। यह टिकाऊ कृषि को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ इसके सेवन से नागरिकों के स्वास्थ्य एवं पोषण में भी शानदार बेहतरी लाऐगी।